कामयाबी के 30 मूल मंत्र | 30 basic mantras of success Chapter -1 Deepak tiwari
नमस्ते भारत,
मैं आप का दोस्त दीपक तिवारी आप का स्वागत करता हू |
ये मेरा पहला blog है और आप के लिऐ आगे भी अच्छे अच्छे blog लिखता रहूंगा
दोस्तो ये 30 बाते जो मैं आप को बताने जा रहा हूं ये सभी के लिए है चाहे हिंदू हो मुस्लिम हो या सिख या फिर ईसाई हो अथवा कोई और ही क्यू ना हो 👉Blog लम्बा हो जायेगा इस लिए एक एक बाते हर blog में लिख रहा हु ताकि आपको पढ़ने में तकलीफ ना हो
तो चलिए हम शुरूवात करते है.
ध्यान से पढ़ना और समझने की कोशिश करना👇
पाठ 1)
आप के सारे दुखो का कारण किसी को अपना मानना है
आप कभी गौर करना आप के जिंदगी में सारे दुख सारे तकलीफे वही से आते है जहा पे आपका अपनापन होता है। की "ये मेरा है" की "ये मेरा अपना है"
(एक व्यक्ति के पास बहुत बड़ा महल था उसने जिंदगी भर की संपत्ति लगा कर उसे बनाया था आस पास के शहर के लोग महल को देखने आते थे कइ बड़े बड़े सेठ उसके महल को खरीदने की कोशिश करते थे पर वे महल उसका अहंकार था उसके जीने की वजह था उसका उस महल में बहुत मोह था एक दिन उसके महल में आग लग गई और वह बाजार गया था जब वह आया तो देखा मेरा महल आग मे जल रहा है उसे महल जलता हुआ देख कर उसे इतना दुःख हुआ बोला अगर यह महल नही रहेगा तो मैं भी जिंदा नही रहूंगा अगर मेरा महल ही नही रहेगा तो मैं जिंदा रह कर क्या करुंगा
तभी ओह उसी आग मे छलाक लगाने कि कोशिश करने लगा तो किसी ने उसे रोक लिया बोला भाई ये जो तुम्हारा महल है इसका सौदा हो गया है तुम्हारे बेटे ने किसी के साथ कर लिया है
जब उसे पता चला की ये महल अब मेरा नही रहा किसी और का हो चुका है तो उसकी सारी चिंता खत्म हो गई
जैसे महल को जलता देख लोग तमासा
देख रहे थे वैसे ये भी खड़ा हो गया इतने देर मे उसका बेटा आया अपने बेटे को देख प्रसन्न हुआ उसे आशीर्वाद देने लगा तेरे जैसा बेटा तो बडे भाग्यो से मिलता है
तुने तो मेरी जिंदगी बचाली आज ये घर में आग लगी है तूने कल ही सौदा कर दिया ओ अपने पिता जी से कहा
पिताजी मैं सौदे की बात तो किया था पर अब तक सौदा पक्का हुआ नही है जब ओ सुना अभी सौदा नही हुआ है फिर फूट- फूट कर रोने लगा अपनी छाती पीटने लगा
महल वही है इंसान वही है पर जब वह मेरा है दुःख देता है तकलीफ देता है पर जब ओ मेरा नही है मेरा कोई रिश्ता नहीं है तो सारे दु:ख ही खतम हो जाते है)
"ऐसे ही जिंदगी में किसी जगह को किसी इंसान को किसी रिश्ते को किसी काम को हम अपना मान लेते है
मेरा मान लेते है तो वही से सारे दुखो की शुरुवात होती है तो वहीं सारी तकलीफ की शुरुवात होती है "
Email : djdtiwari@gmail.com
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