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कामयाबी के 30 मूल मंत्र | 30 basic mantras of success Chapter -3 Deepak tiwari

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नमस्ते भारत, मैं आप का दोस्त दीपक तिवारी आप का chapter 3 मे आपका स्वागत करता हू | पाठ -३ chapter- 3 वर्तमान में जीना सीखो जो व्यक्ति अपने बीते हुए कल अथवा आने वाले कल मे खोया रहता है वह जिंदगी मे कभी खुश नही रह सकता  आप को खुशी तभी मिल सकती है जब आप वर्तमान यानी आज के  आनंद मे जी सके  बीते हुऐ कल का अथवा आने वाला कल का कोई वास्तविक अस्तित्व नही होता  ओह सिर्फ आप की बुद्धि और विचारो मे होता है उसे बस आप अपने मन और बुद्धि मे जीते है  जिसे आप वास्तिकता मे जीते है वह आप का आज में होता है  वह आप का चल रहा पल होता है  अगर आप कल मे यही आप भूतकाल या भविस्यकाल मे जीते है तो याद रखना आप कभी खुश नही रह सकते  अगर आप जिंदगी मे खुश रहना चाहते है तो आप आज मे जीना सीखें - Deepak tiwari email : djdtiwariofficial@gmail.com join me on instagram

कामयाबी के 30 मूल मंत्र | 30 basic mantras of success Chapter -1 Deepak tiwari

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नमस्ते भारत, मैं आप का दोस्त दीपक तिवारी आप का स्वागत करता हू | ये मेरा पहला blog  है और आप के लिऐ आगे भी अच्छे अच्छे blog  लिखता रहूंगा दोस्तो ये 30 बाते जो मैं आप को बताने जा रहा हूं ये सभी के लिए है चाहे हिंदू हो मुस्लिम हो या सिख या फिर ईसाई हो अथवा कोई और ही क्यू ना हो 👉Blog लम्बा हो जायेगा इस लिए एक एक बाते हर blog में लिख रहा हु ताकि आपको पढ़ने में तकलीफ ना हो तो चलिए हम शुरूवात करते है.   ध्यान से पढ़ना और समझने की कोशिश करना👇 पाठ 1) आप के सारे दुखो का कारण किसी को अपना मानना है  आप   कभी   गौर   करना आप के जिंदगी में सारे दुख सारे तकलीफे वही से आते है जहा पे आपका अपनापन होता है। की "ये मेरा है" की "ये मेरा अपना है" ( एक व्यक्ति के पास बहुत बड़ा महल था उसने जिंदगी भर की संपत्ति लगा कर उसे बनाया था आस पास के शहर के लोग महल को देखने आते थे कइ बड़े बड़े सेठ उसके महल को खरीदने की कोशिश करते थे पर वे महल उसका अहंकार था उसके जीने की वजह था उसका उस महल में बहुत मोह था एक दिन उसके महल में आग लग गई और वह बाजार गया था जब वह आया तो देखा मेरा महल आग मे जल

कामयाबी के 30 मूल मंत्र |30 basic mantras of success Chapter-2 Deepak tiwari

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नमस्ते भारत, मैं आप का दोस्त दीपक तिवारी   2nd   blog मेआप का स्वागत करता हू | पाठ -२ chapter-2 कर्म  ( अवश्यमेव भोक्तव्यं कृतं कर्म शुभाशुभम् ) आप कोई भी कर्म किया हो उसका फल आपको जरूर भोगना है अगर आप अच्छे कर्म किए हो तो जाने अनजाने आप को बुरे समय में आप के अच्छे कर्म आप को बचा लेंगे  अगर आपने गलत कर्म किये है पाप कीये है तो उसकी सज़ा आपको जरूर मिलेगी  ओ इंसान कितना छुप के कर्म करे चाहे ओह कितनी चालाकी से कर्म करे  कहते है ना जो ऊपर बैठा परमात्मा है उसके चारो तरफ camera लगा है हमारे एक एक कर्म पर ओह प्रकृति और ओ परमात्मा दृष्टी बनाए रखते है हमारे एक एक कर्म का हिसाब होता है "एक कहानी सुनाता हूं आप को समझने के लिऐ" एक गांव में 2 मित्र रहते थे ओह धन कमाने के लिए शहर गए कुछ साल धन कमा के ओह अपने घर लौटने को सोचे दोनो अपने बैलगाड़ी pe बैठ के निकल पड़े शाम हुआ तो ओह जंगल में रुक गए एक मित्र ने कहा तुम यहा बैठ कर धन की रक्षा करो मैं कुछ खाने के लिए प्रबंध करता हू रात यही बितायेगे सुबह घर के लिए निकल जायेंगे इतना कह कर मित्र खाने की तलास में निकल गया जब वह लौटा उसके मन